tag:blogger.com,1999:blog-4235713353102640102.post2938387173175915213..comments2022-11-20T15:18:00.363+05:30Comments on अनुवाद घर: आत्मकथादीप्ति नीरवhttp://www.blogger.com/profile/17105871709165087330noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-4235713353102640102.post-8097965025059207482011-07-17T20:39:50.876+05:302011-07-17T20:39:50.876+05:30बहुत ही मार्मिक अंश प्रस्तुत किया है. डॉ. तरसेम की...बहुत ही मार्मिक अंश प्रस्तुत किया है. डॉ. तरसेम की इस आत्मकथा से मुझे एक ही शिकायत है कि इसमें बहुत ही छोटी-छोटी घटनाओं को भी समेटा गया, जिनसे कथा में अनावश्यक विस्तार हो गया लगता है. लेकिन इस सबके बावजूद आत्मकथा की पठनीयता बाधित नहीं होती.<br /><br />बधाई,<br /><br />रूपसिंह चन्देलरूपसिंह चन्देलhttps://www.blogger.com/profile/01812169387124195725noreply@blogger.com